Sunday, 9 July 2017

उपयोगी कंप्यूटर मेंटेनेंस टिप्‍स और ट्रिक्‍स - Useful Computer Maintenance Tips and Tricks of Computer

कम्प्यूटर, आज की जरूरत बन गया है,जो भी इंटनेटर यूजर्स इस समय यह पोस्‍ट पढ रहे हैं, वह कंप्यूटर का उपयोग जरूर कर रहे होगें और अपनी जरूरत के अनुसार कंप्यूटर का प्रयोग भ्‍ाी करते होगें। लेकिन अक्‍सर कार्य की अधिकता अौर व्‍यस्‍तता के कारण हम कंप्यूटर का मेंटेनेंस करना भूल ही जाते हैं। अगर अाप लम्‍बे समय तक अपने अपने कंप्यूटर और उपकरण को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो आपको कुछ चीजों का ध्‍यान रखना होगा, इसके लिये अगर महीने में एक दिन का शैड्यूल बनाया जाये तो बहुत अच्‍छा होगा
 

कंप्यूटर मेंटेनेंस टिप्‍स और ट्रिक्‍स - Computer Maintenance Tips And Tricks


हार्डवेयर रखरखाव और सुरक्षा - Hardware maintenance and safety


हार्डवेयर कंप्यूटर का मुख्‍य भाग बाहरी भाग होता है, इसके लिये इसका रखरखाव भी जरूरी होता है
की-बोर्ड - जैसा कि आप जानते हैं की-बोर्ड का प्रयोग अाप टाइपिंग के लिये करते हैं, काम करते समय कभी पानी का गिलास या चाय/काफी का कप या किसी भी प्रकार का तरल पदार्थ इसके पास न रखें अगर गलती से भी वह की-बोर्ड के ऊपर गिर गया तो उसे ख्‍ाराब कर सकता है। इसके अलावा धूल-गंदगी से भ्‍ाी की-बोर्ड खराब हाे जाता है, धूल जाने से बटन जाम हो जाते है इसलिये समय-समय पर एक ब्रश लेकर इसकी सफाई भी करते रहें। 


एलईडी - एलईडी या मोनीटर इसकाे साफ करने के लिये पानी का प्रयोग न करें, इसके लिये उपकरणों की सफाई करने वाले कैमीकल का यूज करें, पानी इसके लिये नुकसान दायक हो सकता है।
डीवीडी राइटर - डीवीडी राइटर में कभ्‍ाी भी नकली या  स्‍क्रैच सीडी और डीवीडी ना डालें।
सीपीयू - सीपीयू की सफाई के लिये ब्लोअर का प्रयोग करें, पहले सप्‍लाई को पूरी तरह से बंद करें, उसके बाद ढक्‍कन ख्‍ाोल कर ब्लोअर की हवा से साफ करें, इससे सीपीयू की सारी ध्‍ाूल निकल जायेगी, ध्‍यान रखें की कोई तार या केबल ढीली न लगी हो।
यूपीएस - अक्‍सर कुछ यूजर्स लेजर प्रिंटर को अपने यूपीएस से सीधे जोड देते हैं और लाइट जाने पर लेजर प्रिंटर को लोड सीधे यूपीएस पर अा जाता है, इससे आपको यूपीएस ख्‍ाराब हो सकता है, इसलिये ऐसा ना करें।

प्रिंटर रखरखाव और सुरक्षा- Printer maintenance and safety


प्रिंटर वैसे तो एक आउटपुट डिवाइस होती है, लेकिन असल में यह हमारी कल्‍पनाओं की कलम होती है, जिसकी स्‍याही से आप सफेद कागज पर काले या रंगीन कैसी भी छपाई कर सकते हैं और वह भी कुछ ही सेकेण्‍ड में, लेकिन क्‍या आपने इस भारी भरकम काम करने वाले इस प्रिंटर के रखरखाव के बारे में कभी सोचा है अगर नहीं तो अब सोचिये -

ऑपरेटिंग सिस्टम रखरखाव और सुरक्षा  - Operating system maintenance and safety


आपरेटिंग सिस्‍टम, यूजर्स और हार्डवेयर के बीच एक पुल का कार्य करता है, इसी की वजह से अाप आसानी से अपने कम्‍प्‍यूटर को चला पाते है अौर मनचाहा कार्य कर पाते है, अाज के समय लोकप्रिय आपरेटिंग सिस्‍टम को आप विण्‍डोज 7 के नाम से जानते है, इसकी सुरक्षा अौर रखरखाव भी बहुत जरूरी है -
सबसे पहले अच्‍छे पासवर्ड का यूज करें, जिससे आपके पीछे आपके कंम्‍प्‍यूटर से छेडछाड ना की जा सके। इसलिये अपने कम्‍प्‍यूटर पर पासवर्ड लगायें। 


अच्‍छी Performance लेनी है, तो गैर जरूरी Software ना डालें, केवल काम के ही Software का प्रयोग करें। 


अगर आप Internet प्रयोग करते हैं, तो लैपटॉप में एक अच्‍छा Anti-Virus डालकर रखें, जिससे वह Virus से सुरक्षित रह सके। अगर आप Professional काम करते हैं, तो फ्री Anti-Virus ना डालें, यह अच्‍छे प्रकार से काम नहीं करते हैं।


समय-समय पर विण्‍डोज को अपडेट करते रहें। 


लाइट जाने पर कम्‍प्‍यूटर को सीधे बन्‍द करने से बचें, शटडाउन या समय बचाने के लिये हाइबरनेट का यूज करें। 



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कम्प्यूटर के लाभ और हानि - Advantages and Disadvantages of Computer in Hindi


कंप्‍यूटर एक छोटी सी लेेकिन पावरफुल मशीन, कई लोगों के लिये यह किसी जादू से कम नहीं, जो कई सारे काम एक साथ बिना थके कर सकती है, इसके कई लाभ हैं लेकिन इससे होने वालेे नुकसान (nuksan) को भी अनदेेखा नहीं किया जा सकता है 


Benefits and Importance of Computer in Hindi - कम्प्यूटर के लाभ और महत्‍व

आज हर जगह कंप्‍यूटर का उपयोग बडें पैमाने पर किया जा रहा है, इससे का सबसे बडा कारण यह है कि मनुष्‍य के मुकाबले बहुत तेजी सेे काम करता है, यह बहुत बडी गणना को कुछ सेकेण्‍ड में कर सकता हैै
आज हर चीज कंप्‍यूटर पर उपलब्‍ध है, आप बहुत सारा डाटा कंप्‍यूूटर में स्‍टोर कर सकते हैं और उसे कभी भी उपयोग में ला सकते हैं और अगर आपके पास इंटरनेट की सुविधा भी है तो आप क्‍लाउड स्‍टोरेज का उपयोग कर इंटरनेट पर भी अपने डाटा काे सुरक्षित रख सकते हैं।


आप कभी-भी और कहीं भी अपने दोस्‍तों के सम्‍पर्क में वीडियो कॉल, ईमेल, सोशल नेटवर्किंग जैसे सुविधाओं केे माध्‍यम सेे जुडें रह सकते हैं।


आप इंटरनेट पर कोई भी जानकारी प्राप्‍त कर सकते हैं। 


बैंकिग जैसी सुविधाओं में कंंप्‍यूटर तकनीक का जबाब नहीं है, आप घर बैठे-बैठे अपने मोबाइल फोन से या कंंप्‍यूटर से किसी को भी रूपये ट्रांसफर कर सकते हैं।


आज मोबाइल रीचार्ज, बिजली का बिल से जमा करने से लेकर ऑनलाइन शॉपिग यहॉ तक कि हवाई जहाज तक कंप्‍यूटर द्वारा उडाये जा रहेे हैं वह भी बिना कोई गलती किये।


शिक्षा और चिकित्‍सा के क्षेत्र में कंप्यूटर ने दुुनियाॅॅ को बदल दिया है आप घर बैठे-बैठे ही बेस्‍ट टीचर्स/संस्‍थाओं से शिक्षा प्राप्‍त कर सकते हैं और चिकित्‍सा की बात करें तो दुनियॉ के बेहतरीन डाक्‍टर्स से इंटरनेट पर परामर्श ले सकते हैं और अब तो मैडीकल स्‍टोर जाने की भी जरूरत नहीं है आप घर बैठे ही दवाईयॉ भी आर्डर कर सकते हैं, चाहे वह आपके श्‍ाहर में मिलती हों या नहीं।


Disadvantages of Computer in Hindi - कंप्यूटर के नुकसान


अगर रात में करें इंटरनेट का इस्तेमाल तो ...


कम्‍प्‍यूटर आपको बीमार तो नहीं बना रहा अपनायें कम्‍प्‍यूटर योगा


जहॉ एक और कंंप्‍यूूटर लोगों को स्‍मार्ट बना रहा है वहीं दूसरी और इसका जरूरत से ज्‍यादा प्रयोग बीमार भी बना रहा है


कंप्‍यूटर और मोबाइल का अधिक प्रयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रहा है


मोबाइल और कंंप्‍यूटर स्‍क्रीन पर ज्‍यादा लगातार देखते रहने से सबसे ज्यादा नुकसान आंखों को होता है
लोगों का मिलना जुलना बंद हो गया है, ज्‍यादा लोग किसी के घर जाकर मिलने से बेहतर उनसे सोशन नेटवर्किंग साइट जैसे फेसबुक और व्‍हाट्सएप चैट करना ज्‍यादा पंंसद करते हैं, यहॉ तक कि एक घर में रह रहे 4 व्‍यक्ति भी अपने-अपने मोबाइल फोन से ही चिपके रहते हैं। 


बडी-बडी कंंपनियों और फैट्रियों में कई-कई मजदूरों का काम कंप्‍यूटर और रोबोट करने लगे हैं, जिससे बेरोजगारी भी बढी है


इंटरनेट बैंकिग का उपयोग सावधानी से न करने पर आपके पर्सनल डाटा चोरी रखने का खतरा रहता है, जिससे कई यूजर्स को आर्थिक नुकसान उठाना पडता है 


इसी प्रकार सोशन नेटवर्किंंग साइट पर भी सावधानी से काम न करने पर भी होता है 


इंटरनेट के माध्‍यम से ठगी बहुत बडे पैमाने पर बढ गयी है



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हमारा मस्तिष्‍क और कम्‍प्‍यूटर

कम्‍प्‍यूटर आज से समय की सबसे ज्‍यादा प्रयोग की जाने वाली मशीन है और कहा जाता है कि यह मनुष्‍य से कहीं बढकर है, इसके बिना कोई काम नहीं हो सकता है, हमारे हिसाब से कम्‍प्‍यूटर केवल आपके जरूरत की मशीन है, जिस प्रकार आप हाथ से कोई दीवार या पत्‍थर नहीं तोड सकते थे तो आपने हथोडे को बनाया, उसी प्रकार आपने कुछ जरूरी काम करने के लिये कम्‍प्‍यूटर को बनाया, तो इसकी तुलना हमसे कैसे हो सकती है -

रंगों की पहचान के मामले में
जहॉ तक रंगों में अंतर करने की बात है तो मनुष्‍य की ऑख लगभग १ करोड रंगों में अंतर कर लेती है, लेकिन एक ३२ बिट का कम्‍प्‍यूटर १ करोड ६० लाख रंगों में अंतर कर पाता है।

गणना करने में
मनुष्‍य का इस मामले में कम्‍प्‍यूटर से पीछे हैं, जीहॉ मनुष्‍य का दिमाग २ या ३ अंकों की गणना बडे आराम से कर लेता है, लेकिन अगर यही गणना १० या १२ अंकों की हो तो बहुत अधिक समय लगता है और यदि इसे और बडा कर दिया जाये तो आपको लगभग सारा दिन लग जायेगा, लेकिन कम्‍प्‍यूटर इसे कुछ ही सेकेण्‍ड में हल कर देता है। जैसे कि आपका कैलक्‍यूलेटर

चेहरे पहचाने में
कम्‍प्‍यूटर फेस रिकग्निशन तकनीक के माध्‍यम से चेहरे को पहचानने का काम करता है, जिसमें वह चेहरे के कुछ हिस्‍सों को पांइट करता है, जिससे वह बडे आराम से किसी का भी चेहरा पहचान लेता है, अब यही तकनीक फेसबुक सोशल नेटवर्किग साइट भी यूज कर रही है, लेकिन इंसानी दिमाग इससे भी आगे है, पूरी दुनिया में अरबों लोग रहते हैं और सभी के चेहरे अलग-अलग होते हैं, इंसानी दिमाग इन सभी के चेहरों में अंतर बडे आराम से लेता है, यहॉ तक वह कि वह केवल ऑखों को देखकर ही व्‍यक्ति की पहचान कर सकता है और यही नहीं अगर दो चेहरों को मिलाकर एक नया चेहरा बना दिया जाये, जैसा कि अक्‍सर न्‍यूज पेपर में आपने देखा होगा, दिमाग उन दोनों चेहरों में अंतर कर उनको भी पहचान लेता है।

वस्‍तुओं की पहचान
आपका दिमाग केवल देखने भर से नमक और चीनी में अंतर कर सकता है, इसके अलावा और भी रोजमर्रा काम आने वाली चीजों के बीच अंतर करने में इंसानी दिमाग माहिर है। हॉलांकि अब गूगल ग्‍लास, जैसी एप्‍लीकेशन हैं जो इमेज स्‍कैन करते चीजों को पहचान सकती है, लेकिन सटीकता से नहीं।

निर्णय लेने की क्षमता
यहॉ भी इंसानी दिमाग का कोई जबाव नहीं है, आप पल भर में कोई भी निर्णय ले सकते है, जहॉ पर कम्‍प्‍यूटर भी फेल हो जाते हैं, वहॉ इंसानी दिमाग ही विजय प्राप्‍त करता है, जैसे ड्राइविंग करते समय, कोई खेल खेलते समय, (शतरंज, क्रिकेट, बैडमिटंन आदि) और यहॉ तक कि फाइटर प्‍लेन के पायलट तो इससे भी तेज निर्णय लेने के लिये जाने जाते हैं, यहॉ कम्‍प्‍यूटर इंसानी दिमाग से काफी पीछे है।

किसी मशीन को कन्‍ट्रोल के मामले में
जी हॉ कम्‍प्‍यूटर चाहे किनता कि शक्तिशाली और तेज क्‍यों ना हो, है तो एक मशीन ही और मनुष्‍य के दिमाग का इस इस मामले में भी कोई जबाब नहीं है, फिर चाहे वह घरेलू कम्‍प्‍यूटर हो या किसी स्‍पेसशिप का कन्‍ट्रोल सिस्‍टम, मनुष्‍य का दिमाग सभी को समझ लेता है और ऑपरेट कर लेता है। एक उदाहरण के लिये यदि एक टाइपिस्‍ट जब की-बोर्ड पर टाइपिंग करता है तो वह की-बोर्ड की तरफ देखता भी नहीं है, तो फिर वह बिलकुल सटीक अक्षर कैसे टाइप कर पाता है, यह कमाल भी दिमाग का है, जब आप टाइपिंग का अभ्‍यास करते है, तो दिमाग आपको उॅगलियों से दबने वाले बटन और दूसरे बटनों के दूरी और अक्षर को याद कर लेता है और यही नहीं आप काफी तेजी से टाइप भी कर पाते हैं।

प्रैक्टिकल के मामले में
आपको बता दें कि कम्‍प्‍यूटर केवल वही कार्य कर सकता है जिसके लिये उसे प्रोग्राम किया गया हो, लेकिन अगर उसे अलग कोई काम करना हो तो कम्‍प्‍यूटर उसे नहीं कर पता है, लेकिन इन्‍सानी दिमाग प्रैक्टिकल होता है, वह किसी भी कार्य को करने के लिये कोई ना कोई रास्‍ता खोज ही लेता है, जिसे आप हिंदी भाषा में जुगाड भी कहते हैं, यह अद्वितीय क्षमता केवल और केवल मनुष्‍य के पास ही है।


निरंतर कार्य करने की क्षमता
हमने बहुत जगह पढा है कि कम्‍प्‍यूटर कभी थकता नहीं है, वह निरंतर कार्य करता रह सकता है और इंसानी दिमाग थक जाता है उसे सोने की आवश्‍यकता होती है। हमने अभी तक कोई ऐसा रोबोट या मशीन नहीं देखी जो बिजली या बैट्ररी के बगैर चल सके या उसे चार्जिग की आवश्‍कता न हो। ऐसा ही मनुष्‍य के दिमाग और शरीर के साथ है, सोते समय भी मनुष्‍य का दिमाग कार्य करता रहता है, जब आप सो रहे होते हैं तक भी आपके मन में विचार आते रहते है, आप सपने देखते रहते हैं और बात रही थकने की तो कम्‍प्‍यूटर में भी हैंग होने की बीमारी होती है।

संग्रह क्षमता
कम्‍प्‍यूटर में आप दुनिया भर के गाने, वीडियो और संग्रहित कर रख सकते हैं, यह क्षमता मनुष्‍य के दिमाग के पास भी होती है, वह आस-पास होने वाली घटनाओं को रिकार्ड करता रहता है, लेकिन गैर जरूरी घटनाये समय से साथ अपने आप डिलीट होती चलती है, जबकि कम्‍प्‍यूटर में आपको इसके लिये स्‍वंय भी उन फाइलों को डिलीट करना पडता है, लेकिन हॉ संग्रह क्षमता में फिर भी कम्‍प्‍यूटर ही आगे है।

अंंत में
इंसानी दिमाग और इंसानी शरीर मिलकर कई सारे काम कर सकते हैं, जो अकेला कम्‍प्‍यूटर कभी नहीं कर सकता है, आप नोट गिन सकते हैं, आप ड्राइव भी कर सकते हैं, आप पढ भी सकते हैं, आप खाना भी पका सकते हैं, आप कैक्‍यूलेशन भी कर सकते हैं, आप कम्‍प्‍यूटर भी चला सकते हैं, जरा सोचिये कम्‍प्‍यूटर को आपने यानि मनुष्‍य ने बनाया है तो फिर वह मनुष्‍य से श्रेष्‍ठ कैसे हो सकता है, हॉ वह एक अच्‍छी मशीन भले ही हो लेकिन एक अच्‍छा इंसान नहीं बन सकता है, यह केवल मशीन है इसे मशीन ही मानिये तथा इसकी मदद से श्रेष्‍ठ कार्य कीजिये और और देश का नाम गर्व से उॅचा कीजिये।


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Tuesday, 24 January 2017

Cloud Computing Introduction In Hindi

Cloud Computing Introduction In Hindi



Introduction को मेने तीन Topic में अलग किया है:-


1. पहला Computing Models
2. दूसरा Evolution of Cloud Computing
3. तीसरा Cloud Business


Computing Models को जानते है
Computing Models कई प्रकार के होते है यहां में कुछ models की list दे रहा हूं !
Desktop computing
Client-Server computing
Cluster computing
Grid computing
Cloud computing
हम इनके बारे में एक-एक करके जानेंगे ताकि हमको Clear Idea हो Cloud Computing क्या होता है !


Desktop Computing In Hindi
 

Desktop यानि सिंगल Computer एक आदमी ही use करता है इसको कोई Network या Internet Connection की जरुरत नहीं है ! Single PC से ही सारा काम किया जा सकता है इस पे Software install करके ! जैसे :यह Personal और Professional use के लिए आता है या ऑफिस या Desktop Publishing के काम में आता है ! सिंगल PC यानि Desktop.Professional में Authors, Engineers, Programmers, या Doctors आदि इसको use करते है इन कामो के लिए हम तरह तरह के software's use करते है कुछ software की list यहाँ दे रहा हु :-
MS-Office
Auto Cad
Photoshop
Illustrator
3DStudio MAX
Dreamweaver
Net Beans
Visual Studio
CMS
इन सब software को use करके Programmers और Engineers अपना काम कर लेते है Single PC से Professional या Personal Work अब आगे बढ़ते है !


Client-Server Computing In Hindi


Client-Server Computing Business के लिए इस्तेमाल किया जाता है हम कई तरह के Companies या Business में देखते है जहाँ पर कई सारे उनके Employees computers use करते है !जैसे की example बैंक लेते हैBank वहां पर कई Counters होते है और वहां पर आप देखते है की उनके Employees Computers use करते है और वो सभी computers कोई न कोई एक Server से Connected है और देखा जाता है की डाटाबेस सर्वर पर रखा जाता है और application software client machine पे Run होते है ये machines client application run करते है जो यह डाटाबेस server से डाटा access करते है तो यह है Client-Server Computing यह कई सारे business में use आता है


जैसे की Banks, Retail Stores, Marketing & Sales, Distribution, Aviation Companies, Automobile Companies, Oil Companies तरह की Companies है और वो तरह तरह के work के लिए Client-Server Computing Model use करते है इनको कुछ software की जरुरत पड़ती है जैसे :-
Accounting/Finance
Sales ERP
1 CRM
Distribution ERP
Manufacturing ERP
Software बनाने वाली कंपनिया
SAP
Oracle Apps
Microsoft Dynamics
ERP Software Complete business solution provide करता है ! और यह customization software होता है !


Cluster Computing In Hindi

 
अब हम देखेंगे Client Server में एक Problem जिसका Solution आगे देखेंगे !मान लो किसी ने Business सुरु किया और Client Server Model वो काम में ले रहा है कई सरे Clients है और एक Server है ! मान लो उसका Business बढ़ने लगा तो उसको और भी ज्यादा Client Machines लगाने पड़ेंगे और वो सरे machines जब इस server से जुड़ेंगे तो server पर लोड ज्यादा हो जायेगा !अब इस Problem से निपटने के हमारे पास दो रास्ते है या तो पहला server हटा के दूसरा High Configuration वाला server लगा दे या फिर एक और server लगा दे ताकि दो server मिल के एक जैसा काम करेंगे और सरे Client को service provide करेंगे तो यह model था Cluster Computing नीचे दिए गए Picture में देख सकते है आप दो एक जैसे Computers है और वो Multiple Client को Service Provide कर रहे है और ये दो Servers मिलकर Load Balance कर रहे है ! तो Load balancing या Load Sharing के लिए Cluster Computing काम में ली जाती है !


यह तो हो गया छोटे Business के लिए कुछ बड़ी Companies होती है जिनको 100 या 1000 में ऐसे Servers की जरुरत पड़ती है नीचे दी गई Picture में आप देख सकते है कई सरे Servers लगे है और यह सारा Cluster है.

Grid Computing In Hindi

Grid Computing भी एक client server का special case है पर कैसे जानते है :-
मान लो एक Company ने अपना branch सुरु किया Delhi में वहां पर client और server लगे है ऐसे ही इस company ने एक और City में branch सुरु किया तो वहां पर भी इसको client और server की जरुरत पड़ेगी और इसी तरह इसका business फैलता जाए अलग-अलग city में तो यह चाहेगा ये सारे servers एक Network में आ जाए ताकि सभी companies सभी branches एक Organization की तरह काम कर सके तो यह different location पर machines है और इन सभी machines को एक Network में connect किया जा सकता है तो उसको कहेंगे Grid Computing !
तो दोस्तों Cluster computing और Grid computing में एक difference यह हो गया की Cluster computing में सारे machines एक जगह रहेंगे और Grid computing में different location पर !एक और special case देखते है जो Grid computing की तरफ जाता हैमान लो एक Organization अलग-अलग Services run करना चाहती है जैसे :- Database Server, Mail Server, Web Server, File Server तो एक से ज्यादा Servers चाहिए अलग-अलग Services के लिए तो ये Heterogeneous Servers हो गए शायद इनमें Operating सिस्टम भी अलग-अलग हो लकिन ये सारे System मिल कर एक System जैसा काम करेंगे तो यह भी Grid Computing ही कहा जायेगा !नीचे दिए गए Picture में आप Example देख सकते है इसमें एक server पे Active Directory run हो रहा है दुसरे पे File server run हो रहा है और एक में Mom server तो ये Different service Provide करेंगे अलग-अलग Machines और ये सरे System मिल कर एक सिस्टम बनेगा जिसे हम कहेंगे Grid Computing ये Machines same location पर भी हो सकते है या different location पर भी हो सकते है !


Cloud Computing In Hindi

Cloud Computing Grid computing और Cluster computing का combination है !For Example एक Multinational company है जिसके branches पूरी दुनिया में है अलग-अलग country में है और हर branch में इसके server

लगे है तो ये सभी servers मिलकर एक Grid बन गया Picture में आप देख सकते है ये सभी Bubbles मिल कर एक Grid बन गया और हर Bubble के अन्दर एक से ज्यादा server है तो वो एक से ज्यादा server Cluster की तरह काम करेंगे तो इसको कहेंगे Cloud Computing ! जो Companies का business सारी दुनिया फ़ैल गया है उनको इस तरह के Infrastructure की जरुरत पडती है.

इनको इस तरह के Infrastructure की जरुरत पड़ती है.